बाइबिल में संख्या 8 का अर्थ: नई शुरुआत | Meaning of Number 8 in the Bible: New Beginnings

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बाइबिल में संख्या 8 का अर्थ: नई शुरुआत | Meaning of Number 8 in the Bible: New Beginnings

बाइबिल अंकशास्त्र में संख्या 8। बाईबल में संख्या 8 बहुत ही महत्वपूर्ण है, जैसे कि बाईबल में इसका प्रयोग लगभग 73 बार किया गया है । यह संख्या पुनरुत्थान और उत्थान का प्रतीक है ।

बाईबल अंकशास्त्र में, 8 का अर्थ है नई शुरुआत; यह “एक नई व्यवस्था या सृजन, और मनुष्य की सच्ची व ”नए सिरे से जन्म” की घटना को दर्शाता है जब वह मृतकों में से अनन्त जीवन में पुनरुत्थित होता है।”

जब मैं उत्पत्ति अध्याय एक (1) का अध्ययन कर रहा था , तो मैंने महसूस किया कि मेरे जीवन में पहली बार सृष्टि के ठीक 8 चरण थे! जिनके द्वारा ऐसा प्रतित होता है जैसे परमेश्वर हमें एक संदेश दे रहे हैं, और इनमें से प्रत्येक चरण में “परमेश्वर ने कहा” के साथ शुरू हुआ। उन्हें गिनना आरम्भ किया तो 8 चरण थे । पवित्र धर्मशास्त्र कहता है कि परमेश्वर ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिये बनाया है, दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि जो भी कुछ परमेश्वर ने कहा है उसका मानव जीवन में एक विशेष उद्देश्य है ।

बाइबिल में संख्या 8 का अर्थ: नई शुरुआत | Meaning of Number 8 in the Bible: New Beginnings

आओ इस अध्ययन की शुरुआत उत्पत्ति अध्याय 1 से करें:

  • उत्पत्ति 1:3 परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो, और उजियाला हुआ।
  • उत्पत्ति 1:6 परमेश्वर ने कहा, जल के बीच में एक आकाश बना रहे, और वह जल को जल में से अलग कर दे।
  • उत्पत्ति 1:9 परमेश्वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए, और सूखी भूमि दिखाई दे, और वैसा ही हो गया।
  • उत्पत्ति 1:11 तब परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी पर घास, अर्यात्‌ बीज देनेवाले छोटे पौधे, और फलदार वृक्ष, जिसका बीज अपक्की जाति के अनुसार है, पृथ्वी पर उत्पन्न करे, और वैसा ही हो गया।
  • उत्पत्ति 1:14 परमेश्वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों; और वे चिन्हों, और समयों, और दिनों, और वर्षों के लिए हों:

उत्पत्ति 1:20 परमेश्वर ने कहा, जल में जीवन के साथ चलनेवाले जन्तु, और पृथ्वी के ऊपर उड़नेवाले पक्षी, आकाश के खुले आकाश में बहुतायत से उत्पन्न हों।

  • उत्पत्ति 1:24 परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी में उसके जाति के जीवधारियों, अर्थात पशुओं, और रेंगनेवाले जन्तुओं, और पृथ्वी के जन्तुओं को उसके जाति के अनुसार उत्पन्‍न करने दो; और वैसा ही हो गया।
  • उत्पत्ति 1:26 परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपके स्वरूप के अनुसार अपके स्वरूप के अनुसार बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सब पर अधिकार करें। पृथ्वी पर, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर ।

नूह के द्वारा सृष्टि की नई शुरुआत

  • नूह और उसकी पत्नी, उसके 3 बेटे, और उसके तीनों बेटों की 3 पत्नियाँ, कुल 8 लोग थे जिनके द्वारा एक नई दुनिया में, नया जीवन शुरू करने के लिए परमेश्वर ने इन 8 लोगों का चुनाव किया ताकि एक नई पीढ़ी की शुरुआत कर सके ।
  • यहां भी हम देखें कि परमेश्वर ने अंक 8 को नई शुरुआत के लिए प्रभावी किया । इसको इस प्रकार समझने की कोशिश करें कि परमेश्वर ने आदम और हव्वा के द्वारा मानव जीवन की शुरुआत की थी, लेकिन सृष्टि को नष्ट करने के बाद नूह और उसकी पत्नी के द्वारा दोबारा सृष्टि को आबाद कर सकते थे, लेकिन परमेश्वर ने उसके 3 बेटे, और उसके तीनों बेटों की 3 पत्नियाँ को भी बचाया और इन 8 लोगों के द्वारा सृष्टि की पुनः शुरुआत की इस रहस्य को समझने का प्रयास करें ।
  • उत्पत्ति अध्याय 8 में जहाज से समस्त जीव-जंतुओं के साथ केवल यही 8 मनुष्य से उतरे! जिनके द्वारा मानव जीवन की फिर से शुरुआत हुई । नई शुरुआत के लिहाज से 8 अंक का यह होना महज एक संयोग है या परमेश्वर का कोई संदेश? मैं आपको और उदाहरण देता हूं।
बाइबिल में संख्या 8 का अर्थ: नई शुरुआत | Meaning of Number 8 in the Bible: New Beginnings

सप्ताह के सात दिन के पश्चात 8 वें दिन सोमवार पूरे सप्ताह के बाद 8 वां दिन है, और यही क्रम अनंत समय की निरंतरता है । कभी खत्म नहीं होता है ।

  • परमेश्वर द्वारा ठहराई गई 8 वें दिन की वाचा, जिसमें हम देखते हैं यहाँ भी अंक 8 ही है, जिसे परमेश्वर वाचा के रूप में स्थापित करता है ।
  • पीढ़ी पीढ़ी में केवल तेरे वंश ही के लोग नहीं पर जो तेरे घर में उत्पन्न हों, वा परदेशियों को रुपा देकर मोल लिये जाए, ऐसे सब पुरूष भी जब आठ दिन के हो जाए, तब उनका खतना किया जाए। उत्पत्ति 17:12
  • परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी कि वह जन्म के आठवें दिन इस्राएल के एक नवजात लड़के का खतना कराए।
  • लैव्यव्यवस्था 12:3 और आठवें दिन उसकी चमड़ी के मांस का खतना किया जाए।
  • खतना उस समय परमेश्वर के साथ नई वाचा का प्रतिनिधि था । जो जन्म के 8वें दिन को ही परमेश्वर के द्वारा ठहराया गया है ।

यीशु के पहली बार प्रेरितों के सामने प्रकट होने के पश्चात 8 दिन बाद थोमा के सामने प्रकट हुआ जिसको यीशु के जीवित होने पर संदेह था, उसके बाद थोमा को यीशु के जीवित होने का विश्वास हुआ । यह थोमा के लिए नए जीवन की शुरुआत थी!

  • यूहन्ना 20:26 आठ दिन के बाद उसके चेले फिर भीतर थे, और थोमा उनके साथ था; तब यीशु द्वार बन्द किए हुए आया, और बीच में खड़ा होकर कहा, तुझे शान्ति मिले।
  • यूहन्ना 20:27 तब उस ने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां पहुंचा, और मेरे हाथों को देख; और अपना हाथ यहां पहुंचाकर मेरे पंजर में डाल दे; और अविश्वासी न होकर विश्वासी हो।
  • यूहन्ना 20:28 तब थोमा ने उत्तर देकर उस से कहा, हे मेरे प्रभु, और मेरे परमेश्वर।

एक नया जीवन पाने के लिए परमेश्वर का वचन हमें 8 बातों पर विचार करने की आज्ञा देता है:

फिलिप्पियों 4:8
अतः हे भाइयो…
1. जो कुछ भी सच है,
2. जो कुछ भी आदरणीय है,
3. जो कुछ भी न्यायसंगत (ठीक) है,
4. जो कुछ भी पवित्र (शुद्ध) है,
5. जो कुछ भी चीजें मनोहर (प्यारी) हैं,
6. जो कुछ भी चीजें अच्छी मनभावनी हैं;
7. जो कुछ भी उत्तम (सद्गुण) हो,
8. जो कुछ भी प्रशंसनीय हो,
इन बातों पर विचार करें।

ऐसी 8 बातें हैं जो बाइबल कहती हैं कि समाप्त नहीं होंगी!

उत्पत्ति 8:22 जब तक पृथ्वी बनी रहती है,
बीज का समय
और फसल,
और ठंडा
और गर्मी,
और गर्मी
और सर्दी,
और दिन
और रात
बंद नहीं होगा।

झोंपडिय़ों के पर्व का 8वां दिन विशेष था, और एक महासभा थी:

लैव्यव्यवस्था 23:36 सात दिन तक तुम यहोवा के लिये हव्य चढ़ाओ; आठवें दिन तुम्हारे लिये पवित्र सभा हो; और तुम यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना; वह महासभा है; और उस में कोई दासता का काम न करना ।

अंक 8 के विषय में अनेकों पद देखे जा सकते है, लेकिन यहाँ कुछ पदों उल्लेख कर सकते हैं ।

  • और जब उसका पुत्र इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसका खतना किया। उत्पत्ति 21:4
  • वैसे ही अपनी गायों और भेड़-बकरियों के पहिलौठे भी देना; सात दिन तक तो बच्चा अपनी माता के संग रहे, और आठवें दिन तू उसे मुझे दे देना। निर्गमन 22:30
  • और आठ तख्तें हों, और उनकी चांदी की सोलह कुसिर्यां हों; अर्थात एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हों। निर्गमन 26:25
  • जब बछड़ा वा भेड़ वा बकरी का बच्चा उत्पन्न हो, तो वह सात दिन तक अपनी मां के साथ रहे; फिर आठवें दिन से आगे को वह यहोवा के हव्य चढ़ावे के लिये ग्रहणयोग्य ठहरेगा। लैव्यवस्था 22:27

तुम आठवें वर्ष में बोओगे, और पुरानी उपज में से खाते रहोगे, और नवें वर्ष की उपज में से खाते रहोगे। लैव्यवस्था 25:22

  • दाऊद तो यहूदा के बेतलेहेम के उस एप्राती पुरूष को पुत्र था, जिसका नाम यिशै था, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरूष शाऊल के दिनों में बूढ़ा और निर्बल हो गया था। 1 शमूएल 17:12
  • पहिले महीने के पहिले दिन को उन्होंने पवित्र करने का काम आरम्भ किया, और उसी महीने के आठवें दिन को वे यहोवा के ओसारे तक आ गए। इस प्रकार उन्होंने यहोवा के भवन को आठ दिन में पवित्र किया, और पहिले महीने के सोलहवें दिन को उन्होंने उस काम को पूरा किया। 2 इतिहास 29:17

सात वरन आठ जनों को भी भाग दे, क्योंकि तू नहीं जानता कि पृथ्वी पर क्या विपत्ति आ पकेगी। सभोपदेशक 11:2

  • और उसने फाटक का ओसारा माप कर आठ हाथ का पाया, और उसके खम्भे दो दो हाथ के पाए, और फाटक का ओसारा भवन के साम्हने था। यहेजकेल 40:9
  • और इसका खम्भों का ओसारा बाहरी आंगन की ओर था, और इसके खम्भों पर भी खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, और इस पर चढ़ने को आठ सीढिय़ां थीं। यहेजकेल 40:31
  • फाटक की दोनों अलंगों पर चार चार मेजें थीं, सो सब मिलकर आठ मेज़ें थीं, जो बलिपशु वध करने के लिये थीं। यहेजकेल 40:41
  • और जब वे दिन समाप्त हों, तब आठवें दिन के बाद से याजक लोग तुम्हारे होमबलि और मेलबलि वेदी पर चढ़ाया करें; तब मैं तुम से प्रसन्न हूंगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।यहेजकेल 43:27

और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकरयाह रखने लगे। लूका 1:59

  • इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया। लूका 9:28
  • वहां उसे ऐनियास नाम झोले का मारा हुआ एक मनुष्य मिला, जो आठ वर्ष से खाट पर पड़ा था। प्रेरितों के काम 9:33
  • और जो पशु पहिले था, और अब नहीं, वह आप आठवां है; और उन सातों में से उत्पन्न हुआ, और विनाश में पड़ेगा। प्रकाशित वाक्य 17:11
  • इस सभी अध्ययन में ऐसा प्रतित होता है जैसे कि परमेश्वर इस 8 अंक के प्रयोग से मानव जीवन के लिए कोई संदेश रहे हैं, इसको गंभीरता से अध्ययन करने की आवश्यकता है । यह पवित्र आत्मा रहा होगा जिसने मुझे यह दिखाया, समझाया, सिखाया पवित्र परमेश्वर की स्तुति हो!

रेव्ह. बिन्नी जॉन “शास्त्री जी”
धर्मशास्त्री, अंकशास्त्री

आशा है आप को हमारे लेखों से उचित जानकारी मिली होगी, फिर भी किसी प्रकार की कमी रह गयी हो तो हमें अवश्य लिख कर बताएं। ईश्वर आपको बहुतायत की आशिशें देवें।

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