यीशु के विषय में 21 भविष्यवाणियाँ (Yeeshu Masih Ke Vishaya Men 21 Bhavishyavani
यीशु के विषय में 21 भविष्यवाणियाँ, इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि कैसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में यीशु के आगमन के बारे में भविष्यवाणियाँ दी गई हैं। यह एक रोचक और आद्यतन विषय है, जिसमें हम यह देखेंगे कि कैसे विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में यीशु के महत्व को भविष्यवाणियों के माध्यम से प्रकट किया गया है।
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प्रस्तावना (Introduction)
यीशु के विषय में 21 भविष्यवाणियाँ आर भविष्यवाणियाँ पूरी हुई, उनका विवरण पवित्र बाइबल में कहाँ पाया जाता है।
1. यीशु का दाऊद के घराने से आना
- यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा: कि मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊंगा। भजन संहिता 132:11
- जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। लूका 1:27
2. नियुक्त समय पर उसका आना
- तेरे लोगों और तेरे पवित्र नगर के लिये सत्तर सप्ताह ठहराए गए हैं कि उनके अन्त तक अपराध का होना बन्द हो, और पापों को अन्त और अधर्म का प्रायश्चित्त किया जाए, और युगयुग की धामिर्कता प्रगट होए; और दर्शन की बात पर और भविष्यवाणी पर छाप दी जाए, और परमपवित्र का अभिषेक किया जाए। दानिय्येल 9:24
- सो यह जान और समझ ले, कि यरूशलेम के फिर बसाने की आज्ञा के निकलने से ले कर अभिषिक्त प्रधान के समय तक सात सप्ताह बीतेंगे।
- फिर बासठ सप्ताहों के बीतने पर चौक और खाई समेत वह नगर कष्ट के समय में फिर बसाया जाएगा। दानिय्येल 9:25
- कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं। मत्ती 2:2
3. कुंवारी से जन्म
- इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी। यशायाह 7:14
- छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया।।
जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। लूका 1:26-27 - अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। मत्ती 1:18
4. इम्मानूएल रखा जाना
- इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी। यशायाह 7:14
- यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “ परमेश्वर हमारे साथ”। मत्ती 1:22-23
5. बैतलहम में यीशु का जन्म होना
- हे बेतलेहेम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा; और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन अनादि काल से होता आया है। मीका 5:2
- हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। मत्ती 2:1
- सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। लूका 2:4-6
6. ज्योतिषीयों का आना
- तर्शीश और द्वीप द्वीप के राजा भेंट ले आएंगे, शेबा और सबा दोनों के राजा द्रव्य पहुंचाएंगे। भजन संहिता 72:10
- हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं।
- यह सुनकर हेरोदेस राजा और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया।और उस ने लोगों के सब महायाजकों और शास्त्रियों को इकट्ठे करके उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए?
उन्होंने उस से कहा, यहूदिया के बैतलहम में; क्योंकि भविष्यद्वक्ता के द्वारा यों लिखा है।
- कि हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है, तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सब से छोटा नहीं; क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा।
- तब हेरोदेस ने ज्योतिषियों को चुपके से बुलाकर उन से पूछा, कि तारा ठीक किस समय दिखाई दिया था। और उस ने यह कहकर उन्हें बैतलहम भेजा, कि जाकर उस बालक के विषय में ठीक ठीक मालूम करो और जब वह मिल जाए तो मुझे समाचार दो ताकि मैं भी आकर उस को प्रणाम करूं।
उस तारे को देखकर वे अति आनन्दित हुए।
- और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना यैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई। मत्ती 2:1-11
7. बैतलहम के छोटे बालकों की हत्या
- यहोवा यह भी कहता है: सुन, रामा नगर में विलाप और बिलक बिलककर रोने का शब्द सुनने में आता है। राहेल अपने लड़कों के लिये रो रही है; और अपने लड़कों के कारण शान्त नहीं होती, क्योंकि वे जाते रहे। यिर्मयाह 31:15
- जब हेरोदेस ने यह देखा, कि ज्योतिषियों ने मेरे साथ ठट्ठा किया है, तब वह क्रोध से भर गया; और लोगों को भेजकर ज्योतिषियों से ठीक ठीक पूछे हुए समय के अनुसार बैतलहम और उसके आस पास के सब लड़कों को जो दो वर्ष के, वा उस से छोटे थे, मरवा डाला।
- तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हुआ, कि रामाह में एक करूण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी, और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे हैं नहीं।। मत्ती 2:16-18
8. उसका मिस्र से बुलाया जाना
- जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया। होशे 11:1
- और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो। मत्ती 2:15
9. यीशु से पहले यूहन्ना बप्तिसमा देने वाले का आना
- किसी की पुकार सुनाई देती है, जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो। यशायाह 40:3
- उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल में यह प्रचार करने लगा।
यह वही है जिस की चर्चा यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा की गई कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी करो। मत्ती 3:1,3
10. यीशु का पवित्रात्मा से अभिषेक होना
- और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। यशायाह 11:2
- प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; यशायाह 61:1
- और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिये आकाश खुल गया; और उस ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाईं उतरते और अपने ऊपर आते देखा। मत्ती 3:16
11. यीशु का साधारण सेवा में प्रवेश होना
- प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं। यशायाह 61:1-2
- और वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ।
यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक उसे दी गई, और उस ने पुस्तक खोलकर, वह जगह निकाली जहां यह लिखा था।
- कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उस ने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्धुओं को छुटकारे का और अन्धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं।
- और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूं। तब उस ने पुस्तक बन्द करके सेवक के हाथ में दे दी, और बैठ गया:
और आराधनालय के सब लोगों की आंख उस पर लगी थीं। - परन्तु उस ने उन से कहा; मुझे और और नगरों में भी परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाना अवश्य है, क्योंकि मैं इसी लिये भेजा गया हूं॥ लूका 4:16-21, 43
12. यीशु की सेवा गलील से आरम्भ होना
- तौभी संकट-भरा अन्धकार जाता रहेगा। पहिले तो उसने जबूलून और नप्ताली के देशों का अपमान किया, परन्तु अन्तिम दिनों में ताल की ओर यरदन के पार की अन्यजातियों के गलील को महिमा देगा।
- जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी। यशायाह 9:2
- जो लोग अन्धकार में बैठे थे उन्होंने बड़ी ज्योति देखी; और जो मृत्यु के देश और छाया में बैठे थे, उन पर ज्योति चमकी॥ मत्ती 4:16
उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। मत्ती 4:23
13. यीशु का येरुशलम मे प्रवेश होना
- हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा। जकर्याह 9:9, मत्ती 21:1-52
14. यीशु का मंदिर में आगमन
- और मैं सारी जातियों को कम्पकपाऊंगा, और सारी जातियों की मनभावनी वस्तुएं आएंगी; और मैं इस भवन को अपनी महिमा के तेज से भर दूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
- चान्दी तो मेरी है, और सोना भी मेरा ही है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है। इस भवन की पिछली महिमा इसकी पहिली महिमा से बड़ी होगी, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है, और इस स्थान में मैं शान्ति दूंगा, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥ हाग्गै 2:7-9
- यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जाकर, उन सब को, जो मन्दिर में लेन देन कर रहे थे, निकाल दिया; और सर्राफों के पीढ़े और कबूतरों के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं। मत्ती 21:12
15. यीशु की दरिद्रता
- क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। यशायाह 53:2
- क्या यह वही बढ़ई नहीं, जो मरियम का पुत्र, और याकूब और योसेस और यहूदा और शमौन का भाई है? और क्या उस की बहिनें यहां हमारे बीच में नहीं रहतीं? इसलिये उन्होंने उसके विषय में ठोकर खाई। मरकुस 6:3
16. यीशु की दीनता
- न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा। यशायाह 42:2
- यह जानकर यीशु वहां से चला गया; और बहुत लोग उसके पीछे हो लिये; और उस ने सब को चंगा किया। मत्ती 12:15
17. यीशु की नम्रता और दया
- वह चरवाहे की नाईं अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा॥ यशायाह 40:11
- कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। यशायाह 42:3
- यह जानकर यीशु वहां से चला गया; और बहुत लोग उसके पीछे हो लिये; और उस ने सब को चंगा किया। मत्ती 12:15
- वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा; और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए। मत्ती 12:20
18. यीशु का निष्कपट होना
- यशा 53:9 1 पतरस 2:22
19. यीशु की धुन
- क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है। भजन संहिता 69:9
- तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी। यूहन्ना 2:17
20. यीशु का दृष्टान्तों में उपदेश देना
- मैं अपना मूंह नीतिवचन कहने के लिये खोलूंगा; मैं प्राचीन काल की गुप्त बातें कहूंगा, भजन संहिता 78:2
- ये सब बातें यीशु ने दृष्टान्तों में लोगों से कहीं, और बिना दृष्टान्त वह उन से कुछ न कहता था।
कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो कि मैं दृष्टान्त कहने को अपना मुंह खोलूंगा: मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्त रही हैं प्रगट करूंगा॥ मत्ती 13:34-35
21. यीशु का आश्चर्यकर्म करना
- तब अन्धों की आंखे खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी यशायाह 35:5,6
- यीशु ने उत्तर दिया, कि जो कुछ तुम सुनते हो और देखते हो, वह सब जाकर यूहन्ना से कह दो। कि अन्धे देखते हैं और लंगड़े चलते फिरते हैं; कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहिरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं; और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।
और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए। मत्ती 11:4-6
यीशु के आगमन के पूर्ववादित भविष्यवाणियाँ (Prophecies of Jesus’ Arrival)
1. भगवद गीता में यीशु का उल्लेख
भगवद गीता में यीशु का आगमन का उल्लेख है, जो एक प्रतिष्ठित हिन्दू ग्रंथ है।
2. यीशु के आगमन का उल्लेख महाभारत में
महाभारत में भी यीशु के आगमन के बारे में भविष्यवाणी है, जो हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ में है।
3. यूरोपीय भविष्यवाणिका और यीशु
यूरोपीय भविष्यवाणिकाओं ने भी यीशु के आगमन के बारे में कुछ भविष्यवाणियाँ की हैं।
यीशु के आगमन के पूर्व संकेत (Signs Before the Arrival of Jesus)
4. धर्मिक अद्भूत घटनाएँ
यीशु के आगमन के पूर्व, अनेक अद्भूत धार्मिक घटनाएँ होंगी।
5. युगांतर के चिन्ह
युगांतर के चिन्हों का उल्लेख भी यीशु के आगमन से जुड़ा है।
यीशु के आगमन का महत्व (Significance of Jesus’ Arrival)
6. मानवता के लिए उद्धारण
यीशु के आगमन से मानवता को उद्धारण मिलेगा, इसका अनुभव धार्मिक ग्रंथों में होता है।
7. धार्मिक एकता की प्रोत्साहना
यीशु के आगमन से धार्मिक एकता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
यीशु के आगमन के बाद (After Jesus’ Arrival)
8. यीशु के संदेश
यीशु के आगमन के बाद, उनका संदेश धर्मिक शिक्षा और सहानुभूति के बारे में होगा।
9. सद्गति का मार्ग
यीशु के आगमन के बाद, उनका मार्ग सद्गति की ओर बढ़ेगा।
यीशु के विषय में भविष्यवाणियों का समापन (Conclusion of Prophecies About Jesus)
इस लेख में हमने यीशु के विषय में 21 भविष्यवाणियों की चर्चा की है, जो विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में पाई जाती हैं। ये भविष्यवाणियाँ दिखाती हैं कि यीशु का महत्व और उनके आगमन का संकेत विभिन्न धर्मों में मौजूद है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
1. क्या यीशु के आगमन के बारे में धर्मों में भविष्यवाणियाँ हैं?
हाँ, यीशु के आगमन के बारे में विभिन्न धर्मों में भविष्यवाणियाँ हैं, जैसे कि हिन्दू ग्रंथों में।
2. यीशु के आगमन का महत्व क्या है?
यीशु के आगमन का महत्व मानवता के लिए उद्धारण और धर्मिक एकता को प्रोत्साहित करने में है।
3. क्या यूरोपीय भविष्यवाणिकाएं यीशु के आगमन के बारे में कुछ कहती हैं?
हाँ, यूरोपीय भविष्यवाणिकाएं भी यीशु के आगमन के बारे में कुछ भविष्यवाणियाँ करती हैं।
4. यीशु के आगमन के पूर्व के संकेत क्या हैं?
यीशु के आगमन के पूर्व के संकेत में धार्मिक अद्भूत घटनाएँ और युगांतर के चिन्ह शामिल हैं।
5. यीशु के संदेश क्या है?
यीशु के संदेश में धर्मिक शिक्षा और सहानुभूति के महत्व का संदेश होता है।